Astro Pankaj Seth

vedic astrology

Cancer Sign 

Cancer Sign Or Kark Rashi 1)4th Rashi or Sign of Natural zodiac system or 4th rashi of Kalpurush 2)Lord of  sign — Moon 3)Nakhshatra— Punarvasu Last pad(4th pad), All 4pad of Pushya means 1st to 4th pad 4pad of Ashlesha means all 1st to 4th pad 4)Nature — Movable 5)Element — Watery Rashi 6)Direction— North […]

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Gemini Sign 

Gemini Sign or Mithun Rashi 1)3rd Rashi of natural zodiac system Or Kaalpurush 2)Lord of Rashi — Mercury 3)Nakhshatra —Mrigsira last 2pad means 3rd and 4th pad Adra 4pad means all 1st to 4th pad Punarvasu first 3pad means 1st, 2nd and 3rd pad 4)Nature — Dual 5)Element — Airy 6)Direction — West 7)Place—Villages, Bedroom,

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Taurus Sign

Taurus sign1)2nd sign of natural zodiac system2)Symbol – Bull3)Lord—Venus 4)Nakhshatra — Krittika last 3pad means 2nd Pad,  3rd pad, 4th pad of Krittika Nakhshatra Rohni 4pad means all 1st to 4th pad  Mrigsira first 2 pad Means 1st and 2nd Pad of Mrigsira 5)Direction— South6)Nature — Fixed or Sthir7)Element — Earthy Or Bhumi8)Place—Field, Meadow, Agriculture9)Dosh

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Aries Sign 

  Mesh Rashi Or Aries Sign1)1st sign of natural zodiac system2)Lord of Sign — Mars3)Nakhshatra —Ashwani 4pad,Bharni 4pad ,Krittika1pad4)Sun get excellentand Saturn get Debilitation in Aries sign.5)Mooltrikona sign of MARS up to 12 degree after that last 18 degree(12° to 30° its own house) 6)Direction – East 7)Nature — Movable 8)Element — Fire9)Place— Mountains, Hills,

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कुण्डली मिलान मे दोष समाप्ति

          कुण्डली के दोष समाप्ति           कुण्डली मिलान भाग 13 1) नाड़ी दोष की समाप्ति नाड़ी मिलान को कुण्डली मिलान मे सबसे अधिक महत्वपूर्ण माना जाता है। नाडी दोष को निम्नलिखित परिस्थिती मे समाप्त माना जाता है कहा जाता है, क)जन्मनक्षत्र एक हो पर नक्षत्र पद/चरण भिन्न हो ख)जन्मराशी एक हो पर जन्मनक्षत्र भिन्न हो

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नाड़ी मिलान कुण्डली मिलान भाग 12

नाड़ी मिलान     कुण्डली मिलान भाग 12 नाडी मिलान कुण्डली मिलान की प्रक्रिया में सबसे महत्वपूर्ण मिलान माना जाता है।इसे कुण्डली मिलान मे 8अंक आवंटित किया जाता है।संतान उत्पत्ति और स्वास्थ्य इस मिलान का मुख्य उद्देश्य है। यह माना जाता है कि एक नाड़ी वाले वर और कन्या के विवाह से संतान उत्पत्ति मे समस्या़

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भूूकुट मिलान कुण्डली मिलान भाग 11

             भूकूट मिलान     कुण्डली मिलान भाग – 11 पिछले अंक मे हमने गण मिलान के बारे मे जानकारी प्राप्त की। चंद्रमा जन्मसमय जिस खास राशी मे हो उसे भूकुट कहते है अर्थात जन्म राशी जातक/जातिका के भूकुट को बताते है। भूकूट मिलान की विधी भूकूट गुण मिलान को 7अंक आवंटित किया गया है। भूकुट

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गण मिलान कुण्डली मिलान भाग – 10

गण गुण मिलान           कुण्डली मिलान भाग – 10 पिछले अंक मे हमने ग्रह मेेैत्री मिलान के बारे मे जानकारी प्राप्त की। गण मिलान को कुण्डली मिलान 6 अंक आवंटित किया जाता है। गण मिलान एक दूसरे के स्वभाव और व्यावहारिक चरित्र मिलान के लिए किया जाता है। मेरा मतलब एक – दूसरे के बारे

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ग्रह मैत्री मिलान – कुण्डली मिलान भाग – 9

       ग्रह मैत्री गुण मिलान            कुण्डली मिलान भाग – 9 पिछले अंक मे हमने योनि मिलान की विधी की जानकारी प्राप्त की। ग्रह मेेैत्री गुण मिलान मे हम ग्रहो की प्राकृतिक मित्रता का मिलान करते है।चंद्रमा जब राशी विशेष मे हो तो उस राशी के स्वामी का चंद्रमा पर विशेष प्रभाव होता है।और जातक

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योनि मिलान विधी – कुण्डली मिलान भाग 8

योनि मिलान विधी            कुण्डली मिलान भाग 8 पिछले अंक मे हमने योनि मिलान के बारे मे जानकारी प्राप्त की। योनि गुण मिलान  को कुल 4अंक आवंटित किया जाता है। योनि मिलान में हम  5भाग में विभाजित करते है। और नीचे दिये गये सारणी के अनुसार अंक आंवटित करते है। 1)समान योनि – वर और

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तारा मिलान की विधी – कुण्डली मिलान भाग – 6

कुण्डली मिलान भाग – 6 तारा मिलान विधी पिछले अंक मे हमने तारा मिलान के कारण की जानकारी प्राप्त की। जन्म नक्षत्र से गिनती करने पर 1st नक्षत्र जन्म तारा कहा जाता है 2nd नक्षत्र संपत तारा कहा जाता है 3rd नक्षत्र विपत्त तारा कहा जाता है 4thनक्षत्र क्षेम तारा कहा जाता है 5th नक्षत्र

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तारा मिलान — कुण्डली मिलान भाग – 5

हम तारा मिलान क्यो करते है कुण्डली मिलान भाग – 5 पिछले अंक मे हमने वश्य मिलान के बारे मे जानकारी प्राप्त की। तारा मिलान अष्टकूट मिलान की तृतीय कूट मिलान है। तारा मिलान मे हम जातक और जातिका के जन्मनक्षत्र की आपस मे सहजता का मिलान करते है। जैसा कि हम सभी जानते है

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