कुण्डली मिलान – भाग -1
कुण्डली मिलान किसलिए और क्यों
हमारी संस्कृति में कुण्डली मिलान
शादी विवाह में महत्वपूर्ण माना जाता है। ज्यादातर लोगों सोचत हैे हम कुण्डली मिलान में क्या मिलान है????
उन सभी लोगों को एक लाइन सरल जवाब है हम दो कुण्डली में चंद्रमा की स्थिति और हालात मिलाते है।
आप मे कुछ सोच रहे होगे आप क्या बकवास
बात कर रहा है ????
लेकिन यह सच है । चंद्रमा से हर कुण्डली में से बहुत सी बातें निर्धारित होती है।
किसी भी संबध मे सबसे पहला चीज होती है आपस मे मन का मिलना। चंद्रमा मन का कारक ग्रह है और इसका किसी विशेष राशि मे विशेष
डिग्री मे अवस्थित होना जातक की मानसिकता का संकेत देते है। साथ ही चंद्रमा के कुण्डली मे स्थित जातक के जन्म नक्षत्र को भी निर्धारित करती है जो जातक के बारे में बहुत सारी संकेत देता है। साथ ही चंद्रमा की कुण्डली मे स्थित व्यक्ति की विशोंत्तरी दशा को भी निर्धारित करती है जो वैदिक ज्योतिष की एक महत्वपूर्ण दशा है। अतः कुण्डली मिलान मे चंद्रमा प्रधान कारक है
क्योंकि यह जातक को राशि, नक्षत्र और व्यक्ति की दशा का निर्धारण करता है।
अगली पोस्ट मे हम जानकारी प्राप्त करेगे हम
कुण्डली कैसे मिलाते है।